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हिंदू धर्म एक बहुआयामी और समृद्ध परंपरा है, जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इस धर्म में शैव, शाक्त, और वैष्णव परंपराओं का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक परंपरा के मंदिर और उनकी पूजा विधि विशिष्ट होती है, जो उनकी धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं को प्रतिबिंबित करती है।
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शैव परंपरा में भगवान शिव को सर्वोच्च देवता के रूप में पूजा जाता है। शिव को विनाश और पुनर्जन्म के देवता के रूप में माना जाता है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।
यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है और चार धाम यात्रा का हिस्सा है।
शैव मंदिरों में शिवलिंग की पूजा की जाती है, जिसे शिव का प्रतीक माना जाता है।
दूध, जल, दही, शहद, और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है।
शैव भक्त रुद्राक्ष माला धारण करते हैं और शिव मंत्रों का जाप करते हैं।
शाक्त परंपरा में देवी शक्ति (माता) को सर्वोच्च माना जाता है। यह परंपरा देवी के विभिन्न रूपों की पूजा पर आधारित है, जैसे दुर्गा, काली, लक्ष्मी, सरस्वती आदि।
यह मंदिर देवी कामाख्या को समर्पित है और शाक्त परंपरा का महत्वपूर्ण स्थल है।
यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है।
शाक्त मंदिरों में देवी की मूर्ति या चित्र की पूजा की जाती है।
दुर्गा पूजा, नवरात्रि, और काली पूजा जैसे विशेष पर्वों पर भव्य अनुष्ठान किए जाते हैं।
कुछ शाक्त परंपराओं में पशु बलि की प्रथा भी देखी जाती है, हालांकि यह अब कम हो गई है।
वैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु और उनके अवतारों (जैसे राम और कृष्ण) की पूजा की जाती है। विष्णु को पालनहार और सृष्टि के संरक्षक के रूप में माना जाता है।
यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (विष्णु का एक रूप) को समर्पित है और रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है।
कृष्ण के कई मंदिर यहाँ स्थित हैं, जैसे बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर।
भगवान विष्णु के हजार नामों का जाप किया जाता है।
वैष्णव मंदिरों में प्रसाद का विशेष महत्व होता है, और इसे भक्तों में बांटा जाता है।
भगवान विष्णु और उनके अवतारों की स्तुति में भजन और कीर्तन का आयोजन होता है।
शैव, शाक्त, और वैष्णव परंपराओं के मंदिर हिंदू धर्म की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं। प्रत्येक परंपरा की पूजा विधि, अनुष्ठान, और धार्मिक स्थल अपनी विशिष्टता और आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। यह विविधता हिंदू धर्म के दर्शन और उसके अनुयायियों की आस्थाओं की व्यापकता को प्रकट करती है।
World Council Of Temples में विश्वव्यापी मंदिर, मढ, गुरूद्वारा, विहार, आखाड़ा, देवस्थानों, पीठ, तीर्थ क्षेत्र, धाम एवं अन्य सभी मंदिर आधारित आस्था के केंद्र सम्मिलित हो सकते हैं।